वो जो खो गए है लम्हे उन्हें वापस बुलाओगे न बिछाकर पलके तेरा इंतेजार कर रहे है आओगे न यही उम्मीद है तुझसे मेरे हमदम मेरे साथी आकर एक बार फिर बाहों में अपनी सुलाओगे न मेरी कलम से मेरे जज्बात shanu sharma