क़िस्सा क़िस्सा ही रह गया कहानी बन न पाया मैं तुझसे मिला, तेरा बन न पाया ख़्वाब ख़्वाब रहा हकीक़त बन न पाया तुझसे बिछड़ तो गया पर किसी का हो न पाया कफ़स मे तो कभी न गया पर जाने क्यों आज़ाद हो न पाया #Poetry#Kalakash#feelings#Pain