जो हज़ार खाहिशो का बोझ लेकर अकेले चलने का दम रखते है। वो दिलो में जीत का जूनून ज्यादा लबो पर शिकायते ज़रा कम रखते है। वो जिम्मेदारीयो को समय देते है अधिक वो ना ही कोई सनम रखते है जो हज़ार खाहिशो का बोझ लेकर अकेले चलने का दम रखते है ! :अविका राठी(pearlikA) #दम रखते है