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 ये आंखें भी कमाल करती हैं,  खामोश रहकर भी है  हज

 ये आंखें भी कमाल करती हैं,

 खामोश रहकर भी है  हजारों बवाल करती हैं।


 किसी ने उस रोज हमसे कहा था,

 तुम चाहे कुछ ना बोलो फिर भी तुम्हारी आंखें,

 बयांं तुम्हारे दिल का हर  हाल करती हैं।


 किसी के लिए पलकों को उठने नहीं देती ,

लड़की होने का ख्याल करती है ।


तो किसी के लिए खंजर से उठती हैंं,

 और घायल उनका हर सवाल करती है।


 सच में ये आंखें भी कमाल करती है,

 खामोश रहकर भी हजारों बवाल करती है।


                                    📝 ओजस्वी शर्मा eyes#poem

#flyhigh
 ये आंखें भी कमाल करती हैं,

 खामोश रहकर भी है  हजारों बवाल करती हैं।


 किसी ने उस रोज हमसे कहा था,

 तुम चाहे कुछ ना बोलो फिर भी तुम्हारी आंखें,

 बयांं तुम्हारे दिल का हर  हाल करती हैं।


 किसी के लिए पलकों को उठने नहीं देती ,

लड़की होने का ख्याल करती है ।


तो किसी के लिए खंजर से उठती हैंं,

 और घायल उनका हर सवाल करती है।


 सच में ये आंखें भी कमाल करती है,

 खामोश रहकर भी हजारों बवाल करती है।


                                    📝 ओजस्वी शर्मा eyes#poem

#flyhigh