तुम। हाँ तुम। तुमसे कह रहा हूँ। पता है नहीं पढ़ोगी तुम। पढ़ती ही कहाँ हो। पर अगर पढ़ोगी तो समझ जाओगी ये तुम्हारे लिये ही लिखा है मैने।
बस एक छोटा सा ख्वाब है मेरा।
तुम मुस्कुराती रहो हर सहर,
दोपहर शाम रात, चारो पहर।
तुम मुस्कुराती रहो हर सहर,
दोपहर शाम रात, चारो पहर। #yqbaba#yqdidi#yopowrimo#IkraashNaama