मन ... लगा है अपनी ही उधेड़बुन में.. एक अजीब-सी धुन में कभी उलझा हुआ-सा कभी बेचैन-सा कभी 'चुप-सा' "मन" कभी खोया-सा कभी ग़मगीन-सा कभी रोया-सा कभी भटका-सा लेकिन... पता नहीं... कैसी उधेड़बुन है जो सुलझती नहीं कैसी पहेली है जो हल होती नहीं कैसा भ्रम का पर्दा है जो हटता नहीं मन को कहीं चैन नहीं उधेड़बुन से मुक्ति नहीं दिन-रात लगा है "मन" "अपने मन को समझाने में" पर... मन की "उधेड़बुन" रुकती नहीं कैसी है ये उधेड़बुन समझ आती नहीं... Muनेश..Meरी✍️ कैसी उधेड़बुन है मन की अजीब धुन है। #उधेड़बुन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi