अच्छी बातें कहने सुनने लिखने और समझने में ही अच्छी लगती है जबकि असल मायने में उस पर अमल किया जाए तो उतना ही मुश्किल होता है जितना की अपने हाथों की बंद मुट्ठी में फिसलती रेत को रोक पाना। -संकेत यादव ©Sanket Yadav #qoutes #Books #Motivation #Gulzar