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उजाले की हिमायत में रहते रहते अंधेरो से तो दुश्मनी

उजाले की हिमायत में रहते रहते
अंधेरो से तो दुश्मनी ही कर  ली थी मैंने 
भूल गयी थी शायद ,
दिन के बाद रात भी होती है।
ग्रीष्म के बाद बरसात भी होती है।।

उजाले के बाद आये,अंधेरों ने मुझे सिखा दिया,
हिमायत में रहना किसी के अच्छा नही होता,
किसी की बैचैनी को देख सबका दिल नही धड़कता।।

उजाले की हिमायत में रहते रहते 
बहुत कुछ सीखा है मैंने
बहुत कुछ पाया है मैंने 
बहुत कुछ खोया है मैंने
या यूँ कहो,, खुद को एक नए रूप में पिरोया है मैंने।। #poem
उजाले की हिमायत में रहते रहते
अंधेरो से तो दुश्मनी ही कर  ली थी मैंने 
भूल गयी थी शायद ,
दिन के बाद रात भी होती है।
ग्रीष्म के बाद बरसात भी होती है।।

उजाले के बाद आये,अंधेरों ने मुझे सिखा दिया,
हिमायत में रहना किसी के अच्छा नही होता,
किसी की बैचैनी को देख सबका दिल नही धड़कता।।

उजाले की हिमायत में रहते रहते 
बहुत कुछ सीखा है मैंने
बहुत कुछ पाया है मैंने 
बहुत कुछ खोया है मैंने
या यूँ कहो,, खुद को एक नए रूप में पिरोया है मैंने।। #poem
sonalisingh0659

Sangam

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