तू और तेरी आँखे थाम देती है मेरी साॅसे पता नही तू क्यो करती है इतनी बाते सोचकर इनको अक्सर तेरे ख्यालो में गुजरती है मेरी राते जब से देखा तुझे ,खुदा से तेरा होने की माँगी मन्नते तू कुछ खास है तुझमे अपनेपन का एहसास है तू जिन्दगी बने मेरी बस इस नादान दिल की यही ख्बाहिश है सिर्फ तेरी जुल्फो तले तेरे आचँल में तेरी चुनरी को बनाकर चादर, चन्द ख्बाब देखने की आजमाईश है ................. #जलज_कुमार® #तेरी_आॉंखे