पता है, ना जाने क्यों एक औरत ही औरत की दुश्मन होती,
वक़्त के साथ ना ही वो खुद को बदलती
और ना ही किसी और को बदलने देती
वक़्त के साथ उन्हें बदलने में उन्हें क्या समस्या ये
तो हमें आजतक नहीं पता चल पाया
कहती हैं एक हमारा जमाना था माँ-बाप बिना बताये बिने दिखाये शादी कर देते थे, हम कर लेते थे,जो भी वो कहते हम चुप-चाप मान लेते थे,
और एक आजकल की लड़कियां हैं, दो अक्षर पढ़ क्या ली, पर निकल आये हैं, मानों उन्हें पढ़ाने का अफसोस हो रहा हो, कहती हैं लड़की होकर जुबान चलाने लगी हैं,अपनी मर्ज़ी रखने लगी हैं,हिम्म #NojotoWriter#matlabiduniya#विचार#standAlone#jhooteriste#नोज़ोटोहिंदी#ghtiyasoch#dakiyanushisoch#ghtiyasamaz