दशमुख सकल कथा तेहि आगे, कही सहित अभिमान अभागे । होहु कपट मृग तुम्ह छलकारी, जेहि बिधि हरि आनौं नृपनारी ।। ©Anushi Ka Pitara मारीच रावन संवाद (रामायण) #NojotoRamleela