कविता के लिए छन्द,विचारों को व्यवस्थित करने के लिए मात्र तुकबंदी नहीं होती बल्कि उन्हें रचना की समग्रता में अविभाज्य अंग बनाने और ओजस्विता प्रदान करने के लिए होता है छंद की आत्मा