गैर जिंदगी मुश्किलों से क्या भरी मेरी हर लमहे ही दुःखो का शहर बन गए हैं उम्मीद मदद की रखता था जिनसे खुद से भी ज्यादा वो अपने भी आज गैर बन गए हैं अपनी उम्मीदों को जिंदा रख कर जिंदगी को खून पसीने से सीच रहा हूँ बिन उनके भी पाऊंगा मंजिल अपनी जरूर एक दिन तभी उन गैरो से आज हाथ अपना खींच रहा हूँ ©Saroha Sahil Follow Me Fore Like Share Comment #thankyou Follow For More 😘 #alone #hreatbroken