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कभी मेरे गाँव की लहलहाती फसलों के बीच आना फिर तु

कभी मेरे गाँव की लहलहाती 
फसलों के बीच आना 
फिर तु अपने शहरों की जगमगाती
महलों के बीच जाना
दोनों में बस फर्क इतना है
महलों के बीच पैसों की गरमी है
फसलों के बीच पसीना की नरमी है
...laddu ki lekhani... happy farmers day
कभी मेरे गाँव की लहलहाती 
फसलों के बीच आना 
फिर तु अपने शहरों की जगमगाती
महलों के बीच जाना
दोनों में बस फर्क इतना है
महलों के बीच पैसों की गरमी है
फसलों के बीच पसीना की नरमी है
...laddu ki lekhani... happy farmers day