जब प्यार लिखता है, एक-एक एहसास जैसे निखरता है, दर्द बढ़ के भी पाए राहत, आँखों में ख़्वाब आ ठहरता है। बदल जाता है ज़िंदगी और दुनिया समझने का नज़रिया, बिखरते, संभलते हुए, फिर मंज़िल का रास्ता सँवरता है। कभी ऐतबार से मिले ज़ख़्म, कभी उसी से मिले उम्मीद, कभी सड़ती कतरने, कभी उससे बन नायाब उभरता है। हक़ से ज़्यादा दलीलें होती हैं यूँ प्यार में डूबी तहरीरों में, लिखता कम, भुगतता ज़्यादा, वो जब उससे गुज़रता है। करना भी क्या, मुस्कुराने के पीछे का दर्द लिखकर 'धुन', पाकर लोगों की झूठी तसल्लियाँ, दिल बड़ा बिफरता है। नमस्कार लेखकों। आज के #RzPerWriMo31 का विषय है "जब प्यार लिखता है...." उम्दा लेखनों को हमारे इंस्टाग्राम पर साँझा किया जायेगा! ❤️ ( Link in bio!) #rzperwrimo #restzone #yqrestzone #collabwithrestzone #YourQuoteAndMine