उनकी आँखे बड़ी बेहया ठहरी , उनका लहज़ा भी बेलौस सा रहता है ; उन पर छाया रहता है अमीरी का सुरूर , उनकी शानो शौकत सब दिखावटी है ! उनसे मोहब्बत की उम्मीद ना रखना , ना ही उनसे करना वफ़ा की चाहत ; यूँ कि...उनकी सुतवां नाक कुछ ज़्यादा ही गुरुर बतियाती है ! ऐ दिल... चल अब थोड़ा सुस्ता ले , अपने खुले हुए ओसारे पर पैर फैला ले ; यूँ कि, उनके सीलन भरे आँगन धूप कभी कभी हीआती है ! ©V Vanya #सुतवां नाक