कुछ हुआ यूँ की फ़िर, वो जो हुआ करता था धड़कन कभी मेरे दिल की, वो हमेशा के लिये ही दिल से धड़कन को जुदा कर गया। अजनबी था , जिन्दगी मे जिन्दगी बनकर आया था, जिन्दगी को जिन्दगी से ही, अजनबी वो कर गया। फ़िर भी बुरा कह नही सकता उसको यारो, मोहब्बत को जो मेरी तार-तार कर गया। अरमान बहुत से सजाये थे इस दिल ने साथ उसके जीने के, एक खेल ऐसा खेल उसने, सारे अरमानो को वो चकनाचूर कर गया। आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan कुछ हुआ यूँ की फ़िर, वो जो हुआ करता था धड़कन कभी मेरे दिल की, वो हमेशा के लिये ही दिल से धड़कन को जुदा कर गया। अजनबी था , जिन्दगी मे जिन्दगी बनकर आया था, जिन्दगी को जिन्दगी से ही, अजनबी वो कर गया। फ़िर भी बुरा कह नही सकता उसको यारो,