ना लोभ था मुझको गहनों का न हीरे का न किंचित पैसो के किसी ढेर का आस थी तो बस तेरे साथ की इस संसार में और तुम पूछते हो कि क्या चाहिए मुझको उपहार में नहीं मांगा था कभी मैंने महल आलीशान सा ना ओहदा ना सान ना झूठे किसी सम्मान सा आस थी बस इतनी कि हाँ हो तेरी इनकार में और तुम पूछते हो कि क्या चाहिए मुझको उपहार में याद है हमारे बचपन की अनगिनत सी वो बातें गुड्डे और गुड़ियों से अपना घर बनाने के रातें आस थी बस इतनी कि गुलशन खिले इस प्यार में और तुम पूछते हो कि क्या चाहिए मुझको उपहार में हाँ सपना देखा था मैंने हमारे अटूट मिलन का आशीर्वादों से बना वो रिश्ता मन से मन का पर आस थी बस इतनी की हमारा नाम हो एकही द्वार में अब तुम्ही बताओ मुझको और क्या चाहिए उपहार में #uphar #तोहफा #उपहार #WOD #gift #hindi #nojoto #nojotohindi #nojotowriter #poet #poetry #kavi #kavita #love #affection #kahani #hamarikahani #dil #heart #pyar #ishq #aashishvyas #shayari