एक तेरी चाहत को हाँ, हम तरस गए बिन मौसम जैसे मानो, बेख़ौफ बरस गए गुजरती थी जहाँ जिंदगी अपने श़बाब में वहाँ एक झटके में जिंदगी के मायने बदल गए। जब चाहत दूर हो और दिल मजबूर हो तो जीने के तरीके और मोहब्बत़ के सलीके बदल जाते हैं। #चाहत #मोहब्बत़ #दूरी