बिना रिश्तों और रिवाजों की, बेड़ियों के मैं जीना चाहती हूँ जो दिल में आए मेरे, उसे बेरोकटोक बस करना चाहती हूँ दूर गगन में पंख फैलाकर, मैं स्वच्छंद उड़ना चाहती हूँ सबको चाहा है मैंने अब तक, अब किसी की चाहत बनना चाहती हूँ प्रेम के अथाह सागर में, मैं बिना किसी डर के बहना चाहती हूँ #yqbaba #yqdidi #yqquotes #pickaline #pickaline64 #pennpopcorn