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बोहोत कहा मगर कितना अनकहा रह गया जो कहा भी उसमें क

बोहोत कहा मगर कितना अनकहा रह गया
जो कहा भी उसमें कितना अनसुना रह गया
जब लब थे खामोश तो नज़रें बोलती थीं
कुछ समझे और कुछ दिल मे उतरना रह गया
खामोशियाँ जायज़ हैं, चुप रहना शायद बेहतर
बातों के बोझ से ये दिल का मंदिर ढह गया
मुद्दे तो दो ही थे अपने मुहब्बत और ज़िन्दगी
दुनियादारी के तूफान में मंज़र अपना बह गया
बोहोत कहा मन ने मेरे पर कितना कहना रह गया

Jai कितना कुछ अनकहा रह गया...
#अनकहारहगया #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
बोहोत कहा मगर कितना अनकहा रह गया
जो कहा भी उसमें कितना अनसुना रह गया
जब लब थे खामोश तो नज़रें बोलती थीं
कुछ समझे और कुछ दिल मे उतरना रह गया
खामोशियाँ जायज़ हैं, चुप रहना शायद बेहतर
बातों के बोझ से ये दिल का मंदिर ढह गया
मुद्दे तो दो ही थे अपने मुहब्बत और ज़िन्दगी
दुनियादारी के तूफान में मंज़र अपना बह गया
बोहोत कहा मन ने मेरे पर कितना कहना रह गया

Jai कितना कुछ अनकहा रह गया...
#अनकहारहगया #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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jaisingh8835

Jai Singh

Bronze Star
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