हाथ में हाथ तेरा रहे बस यूं ही, गम भी सारे भुला दूं मैं हंस के यूं ही, तू रहे गर अमावस में संग में मेरे, चांद रातें भुला दूं मैं हंस के यूं ही। जिस भंवर में फ़ंसी है सफ़ीना मेरी, मैं कर न सकूं जो बयां भी कभी, गर दिखें साहिलों पे कदम वो तेरे, ये भंवर भी भुला दूं मैं हंस के यूं ही। हो तेरा नाम लिखा लकीरों में जो, जाने दूं अच्छी किस्मत मैं हंस के यूं ही, हाथ में हाथ तेरा रहे बस यूं ही, गम भी सारे भुला दूं मैं हंस के यूं ही। #yqdidi Art by: Roshan marakala