ये ज़िंदगी का सफ़र भी कितना गज़ब का है न यारों, जब तक ज़िंदगी है दौड़ते रहना है और एक दिन शांत होकर इस दुनिया से रुख़सत हो जाना है तो क्यों न इस दौड़ती भागती दुनिया में प्यार बाँटते चला जाये, कुछ ऐसा करते चलें कि आपके देह का वजूद रहे न रहे आपके कर्म की ख़ुशबू से आबोहवा हमेशा गुलज़ार रहे क्योंकि ये दुनिया उसी समंदर की लहरों-सी ही तो है कि आप जो डालोगे उसे ही वो आपको सौंप देता है। ©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #ज़िंदगी #nojotoenglish #nojotohindi #fog Pankhudi VAniya writer *