जिंदगी का बोझ मुझ पर, कुछ यूं भी भारी है। मुझे दर्द देने वाले की, अभी बाकी उधारी है। तेरा दर्द तुम्हे ब्याज के साथ वापस दूंगा। किसी का अहसान नहीं रखता। ये मेरी खुद्दारी है। ताहिर।।। #शायरी#जिंदगी का बोझ