कहीं कोई जुल्म और अन्याय हो रहा हो तो हम रोक सकते हैं, कहीं कोई दीन दुःखी दिख जाए तो बढ़कर मदद कर सकते हैं। जिंदगी मिली है तो स्वार्थी मत बनो,परमार्थ करो,खुशी मिलेगी, बचने की कोशिश न करो,यह मत कहो, हम क्या कर सकते हैं? नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: आपको केवल 4 पंक्तियाँ लिखनी हैं। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।