Nojoto: Largest Storytelling Platform

किसी अज़नबी से इतना  न  मिलो कि लगाव हो जाये। गर कभ

किसी अज़नबी से इतना  न  मिलो कि लगाव हो जाये।
गर कभी बंद हो जाये मिलना तो कहीं न घाव हो जाये।

मिलना-बिछुड़ना  तो  दस्तूर  है इस  जिंदगी  का  मगर,
संभालिये  खुद को ,कहीं ये न डगमगाती नाव हो जाये। #चतुष्पदी 
#विश्वासी
किसी अज़नबी से इतना  न  मिलो कि लगाव हो जाये।
गर कभी बंद हो जाये मिलना तो कहीं न घाव हो जाये।

मिलना-बिछुड़ना  तो  दस्तूर  है इस  जिंदगी  का  मगर,
संभालिये  खुद को ,कहीं ये न डगमगाती नाव हो जाये। #चतुष्पदी 
#विश्वासी