दिल की धड़कन मन्द पड़ी थी। आमद तेरी, जब तक ना थी, बेज़ार ज़िन्दग़ी की हर घड़ी थी। तुमने आकर हमें संवारा , वरना हमारी किसे पड़ी थी। मन की खिड़की बंद पड़ी थी... #मनकीखिड़की #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi