शाह ए तख्त को नामंजूर है जनता की आवाज़ सवाल और अपने हक्क की बात आंकड़ों के फरेब से झुठला रहा है आज का निज़ाम गुरबत को बना लिया अपनी फ़तह का हथियार जुमले, लफ्फाजी और सितम की चल रही है सरकार ©हिमांशु Kulshreshtha आज की हुकूमत..