आखरी वो लम्हा आखरी वो पल कैसे बताये वो दिन कैसे जिये थे हमने, एक तरफ कॉलेज का वो आखरी दीन दुसरी तरफ प्रोफेशन का वो पेहला दीन दोनो के बीच कैसे उलझ गये थे हम कैसे बताये वो दिन कैसे जिये थे हमने, कॉलेज के वो हसीन लम्हे सोने ना देने वाली वो मस्ती भरी राते दोस्तों के साथ बीताये गये वो खुबसुरत पल कैसे बताये वो दिन कैसे जिये थे हमने, क्लास रूम मे बिताये हुये वो हसीन यादें बोर्ड पे टीचर्स डे का किया गया सेलिब्रेशन टेबल पे गाई गयी वो मस्ती वाली गाणे लेट आने पे क्लास मे करी गयी वो पनिशमेंट कैसे बताये वो दिन कैसे जिये थे हमने, बस आखरी वो लम्हा था आखरी वो पल था जिस दीन वो यादो का कॉलेज छोडणा था उस दीन बितायी गयी वो रात अभी भी पलको मे छुपायी हुइ हे जैसे समंदर मे बारिश का पाणी कैसे बताये वो दिन कैसे जिये थे हमने, कैसे बताये वो दिन कैसे जिये थे हमने... - संकेत कामीनवार आखरी वो लम्हा आखरी वो पल कैसे बताये वो दिन कैसे जिये थे हमने...