वो सात दिन क्यों बदल जाती है? तुम्हारे लिए.....बेटी-बहू! तुम्हारे अस्तित्व की धारा ही है, जो बहती है - वो सात दिन फिर क्यों बदल जाती है, यकायक तुम्हारे भावों की धारा शक्तिरूपा सम पवित्र वो क्यों है अपवित्र! उन सात दिनों में आखिर क्या है उन सात दिनों में क्यों हो जाती है वो अन्नपूर्णा वर्जित रसोई घर से प्यार से पूरा घर महकाने वाली खुशबू को क्यों एक कमरे में कैद किया जाता है उन सात दिनों में...!!! वो सात दिन। शर्म आती है खुद पर जब आज के जमाने मे लोग पुरानी सोच लिए फिरते है और नारी जाति को अपवित्र कहते है उन सात दिन। सोच अपनी बदल के देखो, बाकी दिन जैसे देख सात दिन भी वैसे देखो। धन्यबाद देना चाहूँगा Shelly Baloni जी का, जिन्होंने इस मुद्दे पर लिखने में मेरी मदद की। #yqbaba #yqhindi #dadhiwaalebaba #yqdidi #periods #respectwomen #janani #hatsoff