Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो बोले अच्छा मैं तारीफ़ सुनना चाहती हू कोई शायरी

वो बोले अच्छा मैं तारीफ़ सुनना चाहती हू कोई शायरी लिखो ना। ।
मैं बोला शायरी तो क्या कविता लिख दू तुम जरा साड़ी पहनो ना।।

वो तारीफ की भूखी थी या उसने सुन ली मेरी दिल की आवाज ।
साड़ी पहन के चुड़ियो के साथ बिंदी भी लगाई है उसने आज।।

©A P #तारीफ़
वो बोले अच्छा मैं तारीफ़ सुनना चाहती हू कोई शायरी लिखो ना। ।
मैं बोला शायरी तो क्या कविता लिख दू तुम जरा साड़ी पहनो ना।।

वो तारीफ की भूखी थी या उसने सुन ली मेरी दिल की आवाज ।
साड़ी पहन के चुड़ियो के साथ बिंदी भी लगाई है उसने आज।।

©A P #तारीफ़