वो बोले अच्छा मैं तारीफ़ सुनना चाहती हू कोई शायरी लिखो ना। । मैं बोला शायरी तो क्या कविता लिख दू तुम जरा साड़ी पहनो ना।। वो तारीफ की भूखी थी या उसने सुन ली मेरी दिल की आवाज । साड़ी पहन के चुड़ियो के साथ बिंदी भी लगाई है उसने आज।। ©A P #तारीफ़