हवा (आँक्सिजन ) वरी अनमोल हैं। हवा विना दिपक न निकले(जलना) । जलते दिपक को हवा वुझाऐ। कभी धरे आंधी का रुप। तो कभी सुहानी ठंडी लागे। हवा उङाऐ पते को। तो पतंग डोर को लगी हवा । 🤔 ताक्त 💪 हवा की