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सोना मना है इश्क़ में नींदे ख़राब होती हैं, दिन गुज़र

सोना मना है इश्क़ में नींदे ख़राब होती हैं,
दिन गुज़रते हैं बेताबी में रातें अज़ाब होती हैं।

क्या मज़ा की उनसे मिले और मिलते ही खुल गए,
बड़ी दिलचस्प होती हैं जो बंद किताब होती हैं।

दोस्ती वही अच्छी है जिसमें यकीन हो किसी पर भरोसा हो,
बाकी बनावट की सारी यारियां ख़राब होतो हैं।

जला कर ख़ाक कर देगी मोहब्बत इससे दूर रहो,
बेकरारी की सारी खड़िया मानो आफताब होती हैं।

सोना मना है इश्क़ में नींदे ख़राब होती हैं,
दिन गुज़रते हैं बेताबी में रातें अज़ाब होती हैं।

~Hilal #Azaab #Neend
सोना मना है इश्क़ में नींदे ख़राब होती हैं,
दिन गुज़रते हैं बेताबी में रातें अज़ाब होती हैं।

क्या मज़ा की उनसे मिले और मिलते ही खुल गए,
बड़ी दिलचस्प होती हैं जो बंद किताब होती हैं।

दोस्ती वही अच्छी है जिसमें यकीन हो किसी पर भरोसा हो,
बाकी बनावट की सारी यारियां ख़राब होतो हैं।

जला कर ख़ाक कर देगी मोहब्बत इससे दूर रहो,
बेकरारी की सारी खड़िया मानो आफताब होती हैं।

सोना मना है इश्क़ में नींदे ख़राब होती हैं,
दिन गुज़रते हैं बेताबी में रातें अज़ाब होती हैं।

~Hilal #Azaab #Neend