शीश नवाऊं माँ कूष्मांडा। पाप धरा पर बड़ा प्रचंडा।। नाश पाप का करने आओ। भक्तों की माँ आन बचाओ।। कृपा सदा माँ हमपे करना। ध्यान सदा तू हमपे धरना।। ©Bharat Bhushan pathak #navratri love poetry in hindi poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry quotes