पुरुष --------- तुम नीर नदी की मैं समंदर गहरा हूँ l तुम उछल-कूद करती बहती रहती हो l मैं सबको धरता रहता हूँ l तुम मन-मर्जी की मालिक हो मैं सबका मन रखने बाला l स्त्री ---------- शौर्य तुम्हारी गाथा है मैं धर्य की माता हूँ l मौन तुम्हारा गंभीर बड़ा मौन मेरी,मृत्य है l तुमसे जो संसार है चलता मुझसे ही तो बस्ता है l किस चिंतन में जा रहे मुझमें तुम्हारा जीवन है और मेरा जीवन तुमसे है l ©Roshani Thakur #AkelaMann