ये दीवारें भले ही तुझे रोके हैं मगर फिर भी चाहती हैं तोड़कर इन्हें तू उस पार निकले... ये तुझे याद दिलाना चाहती हैं तू इतना भी कमज़ोर नहीं की दो कौड़ी की मुश्किलों से यूं डर जाए सपने जीतने बड़े होंगे, जीत भी उतनी बड़ी होगी और उस जीत का जश्न उससे भी ख़ास होगा... ©Khwaab deevarein ! #Moon