कुछ बाते छू सी गयीं हैं दिल को और कहीं गहरे जा उतरी हैं, जिनकी तलाश मे खो चला हूँ मैं, आसमा के तारों को,,, गिनने चला हूँ मैं,, ख्वाईशो के पंख लेकर, उड़ने चला हूँ मैं, अपने वजूद को ढूंढने , निकल पड़ा हूं मैं,, पल पल मे बिखर कर, जी रहा हूँ मैं,, इस मुश्किल सफर की,, अब मंजिल चाहता हूं मैं,,,, #nojoto#kuch#batein#jo#dil#pe#lagi#hain #kuch#batein#dil#ki#dil#tak