"जूतों से लगकर जो मिट्टी घर तक आती है उसे हर रोज़ एक तस्तरी में जमा कर लेता हूं। कल जब केवल मजहबी रंग की रेत बच जाएगी जिस में से बीते हुए कल के काटें निकलेंगे,उस तस्तरी में पड़ी मिट्टी में एक चुटकी भविष्य बो दूंगा।" जूतों की मिटटी #Hope#Survival