छोर दो अपनी अपनी अब मजहबें, चलो फिर अपना एक ऑर मजहब बनाए हम, इंसान थे तो फिर इंसान ही रहने दो, चलो फिर एक खुद का भगवान बनाए हम। निरूपम आनंद सिंह #sarcasm #poetry #poem #shayari #urdu #hindi #nirupamshayari #love