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ईर्ष्या-द्वेष-घमंड मे, नाते लिए मिटाय; रोए मानुष ए

ईर्ष्या-द्वेष-घमंड मे,
नाते लिए मिटाय;
रोए मानुष एकला,
'कोई तो मुझे उर से लगाए'।

💐🌹💐 समझदारी की बात।😄
ईर्ष्या-द्वेष-घमंड मे,
नाते लिए मिटाय;
रोए मानुष एकला,
'कोई तो मुझे उर से लगाए'।

💐🌹💐 समझदारी की बात।😄

समझदारी की बात।😄 #अनुभव