विरह की वह्नि में विरहिन हो विवर ध्याऊँ, श्याम की नगरी में श्यामा सम सँवर जाऊँ । प्रियतम अरु प्रेयसी के प्रेम में कैसी क़वायद, तुम्हरी मैं जोगन बस साँसों में तुम्हें पाऊँ ।। ये तेरा इत्र है या ज़िक्र है... जब जब करती हूँ... महकती हूँ..बहकती हूँ... #yqdidi #yqhindi #yqshayari #yqbaba #eternal #yqquotes #iloveyou #writerskiduniya Collaborating with VANILA VINOD