हमें तुमसे प्यार कितना, तुम अक्सर पुछते हो न हद मेरी मोहब्बत की... तो आओ तुम्हे बतला दू हद मेरी मोहब्बत की !! मुझे तुमसे इतनी मोहब्बत है... के जितने अर्श पर तारे... जो गिन सको उनको तुम खुद जान जाओगे !! मुझे तुमसे इतनी मोहब्बत है, के जितनी गुलशन में खुशबू.... जो जोड़ सको उनको तो तुम खुद जान जाओगे !! मुझे तुमसे इतनी मोहब्बत है, जितनी बारिश बरसती है... जो नाप सको उनको तुम खुद जान जाओगे !! लेकिन सुनो जाना... नदान हो तुम भी कमाल करते हो, जिनके जवाब न हो ऐसे सवाल करते हो !! मोहब्बत बेहिसाब होती है इसका कहाँ हिसाब होता है जिसमे हिसाब हो वो सौदा है वो कहाँ प्यार होता है!! Tum Aksar Puchte Ho Na Had Meri Mohabbat Ki To Aao Tumhe Batla Du Hadd Meri Mohabbat Ki Mujhe Tumse Itni Mohabbat Hai, Ke Jitne Arsh Par Taare... Jo Gin Sako Unko Tum Khud Jaan Jaoge Mujhe Tumse Itni Mohabbat Hai, Ke Jitni Gulshan Mein Khushboo Jo Jod Sako Unko To Tum Khud Jaan Jaoge...