माना कि... ज़िंदगी शतरंज है पर... तुम उसका मोहरा क्यूँ बनते हो कि... कोई भी आये और .. अपने हिसाब से मोहरे को रख दे शतरंज की बिसात तुम्हारी है तो फिर.. अपनी चाल ख़ुद चलो ना इससे पहले की... कोई तुमको चेक दे तुम ख़ुद ही चेक एंड मेट करके उसे धराशायी कर दो ना...!! ज़िंदगी शतरंज है तो.... मजे हुए खिलाड़ी बनो ना दिमाग का खेल है पर.... दिल से जीना अपनी ज़िंदगी को...!! ©Shipra Pandey ''Jagriti' #Chess माना कि... ज़िंदगी शतरंज है पर... तुम उसका मोहरा क्यूँ बनते हो कि... कोई भी आये