World Ozone Day पृथ्वी Earth ========= पृथ्वी कह रही हैं कि मैं जब अकेली थी तो अच्छा था कितनी शांति थी जब से ये मनुष्य मेरी धरती पर आए हैं तूफ़ान मचा दिया हैं मेरे सिर पर जू की तरह रेंगते रहते हैं जीना मुश्किल कर दिया हैं मेरा, मुझ पर कितने छेद कर चुके पता नहीं कौन सा खजाना खोजते रहते हैं, इनको मैने क्या क्या नहीं दिया, शुद्ध हवा, जल, पेड़, फल, कंद मूल, क्या क्या नहीं दिया इन्हे पर इन्होने अपने स्वार्थ को ही देखा और मुझ पर अत्याचार शुरू कर दिए मेरी भूमि को कब्रिस्तान बना डाला, शिकार कर कई जानवरो की प्रजातियों को लुप्त कर दिया, अपने शौक को पूरा करने की खातिर अपने ही भाई बन्दों को भी नहीं छोड़ा, रूपया, ज़मीन, हवस और नशे ने इंसान को जानवर से भी बत्तर बना दिया, मैं इन्हे इनके घर से बाहर भी नहीं निकाल सकती क्यों की ये इनका घर हैं पर अपनी धरती माँ की रक्षा का बेडा कौन उठाएगा ये लोग आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ बचा कर भी रखेंगे या नहीं, बहुत सोचने वाली बात हैं कौन रक्षा करेगा मेरी 🙄🤔😓 ©Pooja Udeshi #Earth #Prithvi #Pollution #WorldOzoneDay