आग लगाने से पहले परिणाम की भी सोच लेनी चाहिए । किसी खास धर्म में जन्म लेकर महान नहीं हो गए हो । और न तुम्हारी अपनी औकात है जन्म लेने की । और करो शक्ति प्रदर्शन । नेता तो अपना काम बना कर चले जाएंगे । मारे तुम जाओगे । धर्मांध मत बनो । इंसान बनो l उदयपुर ( राजस्थान ) में कन्हैया लाल की हत्या नहीं हुई है । नफ़रती ताकतों की जीत हुई है । वो जो चाहते थे अब वो हो रहा है। हम भारत के लोग मानसिक गुलामी की ओर अग्रसर हैं। #Udaypur #communism #communalharmony उदयपुर में मानसिक रूप से विक्षिप्त आतंकवादियों द्वारा कन्हैया लाल की जो नृशंस हत्या की गई है वो काफी निंदनीय और विचारणीय है । आख़िर कहाँ जा रहा है हमारा गंगा जमुनी तहज़ीब वाला देश । सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेता मन ही मन खुश हो रहे होंगे । उनकी सत्ता की जड़ें मजबूत हो रही हैं। हम मानसिक रूप से गुलाम हो गए हैं । वो हमसे जो करवाना चाह रहे हैं हम वो कर रहे हैं । याद रखिए - अतीत को दोहराने की कोशिश कीजिएगा तो अतीत दोहराया जाएगा ही । और कहाँ का अतीत रक्तरंजित नहीं रहा है ?