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चलते चलते रुकती सांसे रोते रोते थकती आंखे रातें भ

चलते चलते रुकती सांसे
रोते रोते थकती आंखे
रातें  भी सपने बुन बुन हारी
केसे काटूं यह विरहा भारी
मन को भाती बस तेरी ही बातें
जो तुझसे दूरी का सोचूं
चलते चलते रुकती सांसे

©Kiran Rathore
  #chalte chalte

#Chalte chalte #कविता

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