नाराज़ अब खिड़की पर कभी पर्दा नहीं डालते हो नाराज हो क्या ..!! अब तुम्हारा जुल्फों में उंगलियां घुमाना भी बंद है नाराज हो क्या..!! राह चलते मेरी गली की तरफ गर्दन भी नहीं घुमाते हो नाराज हो क्या..!! सूखे कपड़े सुखाने के बहाने छत पर भी नहीं आते हो नाराज हो क्या..!! मंदिर जाते वक्त घंटी बजाकर इशारा करना भी बंद है नाराज हो क्या..!! मुझे देख कर मुंह पर हाथ रख कर मुस्कुराने का सलीका भी छोड़ दिया ... नाराज हो क्या..!! अपने चेहरे की भाव भंगिमा भी बदलते नहीं हो नाराज हो क्या..!! मेरे होने का एहसास हवाओं से पता करने वाले अब मेरी तरफ देखते भी नहीं हो नाराज हो क्या...!! इस मासूम चेहरे में इतनी अदाएं छुपाना भी एक अदा है ए मेरे दोस्त, मेरे वजूद,तेरी इसी अदा पर तो "शील" फिदा है #नाराज #InternetJockeyAnjuKumariRupamrajbharJeetBajwaपुलकी💐