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कु दृष्टि! का प्रायश्चित क्यु कर्ता हु इतना प्या

कु दृष्टि! का प्रायश्चित 

क्यु कर्ता हु इतना प्यार में तुमको पता नहीं मुझे,
तेरी तसवीर देख कर क्यु वहा रुक जाया कर्ता हु?
तेरी हर एक कारीगरी को पसंद क्यु कर्ता हु मे पसंद?
हर बात अछी लगती हे तेरी क्योकी कुछ तो है |
कइ बार तेरी याद मे अजीबसी सोच मे चला जाता हु,
फ़िर बहोत बुरा मेहसुस कर्ता हु की येह तो प्यार नही,
बाद मे तेरी तसवीर देख कर अपने सचे दिल से माफ़ि की आस लगाता हूँ,
आज परोक्ष होके कर्ता हु गुहार अपनी मूर्खता और सरमीन्दगी की,
कर माफ़ मुझे,  
होजाऊंगा मुक्त अपने अपराध से,अपने अपराध से |🙏

                                                       निशित # #poem #poetry #poetrycommune #poetsofinstagram #poetryisnotdead #spilledink #poetryprompts #hindipoetry #hindiquotes
कु दृष्टि! का प्रायश्चित 

क्यु कर्ता हु इतना प्यार में तुमको पता नहीं मुझे,
तेरी तसवीर देख कर क्यु वहा रुक जाया कर्ता हु?
तेरी हर एक कारीगरी को पसंद क्यु कर्ता हु मे पसंद?
हर बात अछी लगती हे तेरी क्योकी कुछ तो है |
कइ बार तेरी याद मे अजीबसी सोच मे चला जाता हु,
फ़िर बहोत बुरा मेहसुस कर्ता हु की येह तो प्यार नही,
बाद मे तेरी तसवीर देख कर अपने सचे दिल से माफ़ि की आस लगाता हूँ,
आज परोक्ष होके कर्ता हु गुहार अपनी मूर्खता और सरमीन्दगी की,
कर माफ़ मुझे,  
होजाऊंगा मुक्त अपने अपराध से,अपने अपराध से |🙏

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