अखियों में तेरी रतिया बिताई थी तारो ने हारा तेरी सुनाई थी सागर से मैने नजरे सुराई थी और नदियों ने झरने को यह धड़कन सुनाई थी अम्बर में बादलो ने छवि सी बनाई थी सूरत भी उसी में तेरी समाइ थी और रात की भी कैसी सामत आयी थी तितली ने चन्दा से अखिया लड़ाई थी गालो से बालों को लटा जो हटाई थी और झरने में नदियों में आग सी लगए थी कान्हा ने राधा को धड़कन सुनाई थी सावन की रुत देखो भागी चली आयी थी। CHOUDHARY BHARAT PATEL #sunrays Radhey Radhey friend s.