चीन के कर्ज देने और गुलाम बनने की नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था में जानी पहचानी है पाकिस्तान श्रीलंका और मालदीव चीन के बड़े गद्दार हैं उसमें $6000000000 की लागत से रेल प्रयोजन निर्माण में 70% हिस्सा चीन का है ना उसकी विदेशी मुद्रा भंडार $1000000000 से नीचे पहुंच जाने से मुंडी इसको उससे एक जंग स्टेट घोषित करना पड़ा इसी प्रकार 62 अरब डॉलर की सीपीआई यानी चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर में बलूचिस्तान के गद्दार पार्टी के विकास के नाम पर चीन का कब्जा कर कर्ज के जाल में फस चुके पाकिस्तान को जून 2022 तक डॉलर का कर्जा चुकाने के लिए कर्ज लेने की स्थिति बनी हुई है इनके डेढ़ अरब डॉलर का कर्जा चुकाने के लिए कर्जा लेने की स्थिति बनी हुई है चीन के डेढ़ अरब डॉलर कर्ज के बदले श्रीलंका को हंबनटोटा बंदरगाह सपना पढ़ा हाल ही में कोलंबो बंदरगाह भी चीन को दे चुका है नेपाल की आर्थिक और कूटनीतिक समस्याओं में भी घुसकर चीन अपना विस्तार करने में लगाएं वर्ष 2017 में चीन ने $1000000000 की रकम का कर्जा तथा ब्लैक एंड रोड के तहत $30000 का निवेश करने में मन गोलियों के लिए इस ग्रुप से बाहर निकालना आसान नहीं है विश्व बैंक के अनुसार वर्ष 2018 में ही लोगों की जीडीपी का 30% पहुंच गया है राजस्थान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है जिसमें कुल विदेशी कर्ज में $1 निवेश किया था ©Ek villain #चीन की विस्तार वादी नीति का मुखर विरोध #WorldPoetryDay